एक बार बाबा भृगु गिरी माजुली मे यज्ञ के लिए गए | यह नव-वैष्णव का प्रधान केंद्र होने के कारण यज्ञ आदि आयोजनों पर प्रतिबंध था | लम्बे अरसे के बाद यहाँ यज्ञ आयोजन के लिए बाबा भृगु गिरी को आमंत्रित किया गया था | उत्साही और संसयी पत्रकारों की भीड़ एकत्र हो गई | उल्टे सीधे प्रश्नों के तांते लग गए | किसी ने यज्ञ के प्रभाव पर प्रश्न किया और बाबा के समझाने के बाद भी न माने | बाबा ने कहा देवताओं के रुष्ट होने पर अनर्थ हो सकता है | पर उन नासमझो को कौन समझाता | यज्ञ आरम्भ हुआ और ऐसा तूफ़ान आया कि सभी भय से कांपने लगे | कई घर उड़ गए, पूरे क्षेत्र मे पानी भर गया | बाबा ने यह सब देख कर प्रशंसा से बचने के लिए घर चले गए |
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